युद्ध और युद्धोन्माद के लिए जितना जिम्मेदार पड़ोसी मुल्क है उतना ही हमारे देश के हुक्मरान और पब्लिक भी है।
वैसे युद्धोन्माद के मौजूदा हालात में हम हमेशा की तरह अपने सैनिकों को सपोर्ट करते हैं और पाकिस्तानी अपने फौजियों का हौसला बढाते हैं। लेकिन इन सबके बीच कोई सैनिकों और फौजियों के घरवालों से भी तो पूछो कि हमारे तुम्हारे युद्धोन्माद से उनका क्या हाल होता होगा। जिसका वो बेटा, पति और पिता है, उसके बारे में भी सोचो।
अब जरा ये भी सोचो कि युद्ध और युद्धोन्माद की असल वजह क्या है? यह सब हमारे और उनके हुक्मरानों की राजनीतिक और कूटनीतिक गलतियों और उनके अहं की लड़ाई का नतीजा है जिसका खामियाजा पब्लिक और फौजियों दोनों को भुगतना पड़ता है।
तो हमें जरूरत है कि आप और हम देश को युद्ध की वीभिषिका में झोंकने वाले हुक्मरानों और युद्धोन्माद पैदा करने वाली असंवेदनशील पब्लिक से जवाब तलब जरूर करें।

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