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Happy International Women’s Day to My Lovely Lady- MOM

On this International Women’s Day, I would like to thank God for blessing me immensely lovable lady who have helped me shape my life beautifully. A very Happy Women’s Day to the lovely women in my life.

हैप्पी इंटरनेशनल विमेंस डे मॉम ! हालॉकि माता जी को ये शब्द (मॉम) बिल्कुल भी पसंद नहीं है। इसकी वजह है साफ है कि वो ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं हैं। लेकिन मैं बड़े फक्र से कहता हूँ कि मेरी सातवीं पास माँ, जिनकी शादी संभवतः बारह-तेरह साल की अवस्था में ही हो गयी थी (इसका जिक्र कभी-कभी करती हैं ), वो जवाहर लाल नेहरू और दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ी अधिकांश लड़कियों से ज्यादा खुले विचारों वाली स्वतंत्र महिला हैं।

वैसे तो अनेकों जीवट उदहारण हमारे पास है लेकिन एक बड़ा दिलचस्प वाकया मैं आपको आज इस खास मौके पर बताना चाहता हूँ। मेरी दीदी की बड़ी बेटी जो अब कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री रखती है, जब कटक (उड़ीसा) कॉलेज से पास आउट हुई तो उसका कैंपस सिलेक्शन के तौर पर चयन विप्रो बेंगलुरु के लिए हुआ। परिवार में बड़े दिनों बाद ख़ुशी का मौका आया था। क्यूंकि हमारी चार बहनें जो सभी मुख्य तौर पर हाउस वाइफ ही है उनके लिए बड़ा आश्चर्य का विषय था।

परिवार के कुछ सदस्य इस बुलंद कामयाबी के लिए उसे बधाइयाँ परोस रहे थे तो कुछ आपस में कानाफूसी करने लगे कि बेटी होकर बाहर कमाने जाएगी। कुछ्लोगों ने तो पूरजोर विरोध तक कर दिया और यह कह बैठे के शादी -ब्याह में दिक्कत होगी। मामला सहज नहीं था। मैंने अपना समर्थन तो पहले ही दे दिया था। जब बात नहीं बनी तो लोगों ने बच्ची के नानी (मेरी माँ ) से राय मशविरा शुरू किया। और उन्होंने जो कहा मेरे मानस पटल पर आजतक अंकित है।

मैं यहां उसे अपने शब्दों में लिख रहा हूँ। उन्होंने कहा – “तुमलोगों का ज्ञान छिछला है, साथ ही समझ भी वैसी ही छिछली है। यहीं सबसे बड़ी समस्या है। आप एक को जिताने के लिए (पुरुषवाद ), दूसरे को मार डालना चाह रहे हैं। इसकी कोई जरूरत नहीं है। लड़कियों या महिलाओं की बेहतरी के लिए उनकी आर्थिक स्वतंत्रता, शिक्षा और सामाजिक स्थिति की बेहतरी ज़रूरी है। ये वैचारिक खोखलापन है। बच्चों के इसलिए पढ़ाया लिखाया और लायक बनाया जाता है की वो अपनी जिंदगी में जहाँ जाएँ, बेहतर करें। ” मुझे गर्व है माँ आपको पाकर।